नमामि गंगे योजना क्या हैं: Namami Gange Yojana & Namami Gange Project की जानकारी हिन्दी में

नमामि गंगे योजना 2022 और नमामि गंगे योजना की पूरी जानकारी हिंदी में पढ़िए । नमामि गंगे मिशन प्रोजेक्ट व नमामि गंगे योजना बजट । Namami Gange Project & Namami Gange Yojana 2022 ।

नमामि गंगे योजना (Namami Gange Project) को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू शुरू किया गया हैं, इस योजना के माध्यम से गंगा नदी की सफाई कराई जाएगी। गंगा नदी का जल लगातार दूषित होता जा रहा हैं और इसकी सफाई के लिए नमामि गंगे अभियान शुरू किया गया हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि गंगा नदी देश की अन्य पवित्र नदियों में से एक हैं और इस पवित्र नदी में लाखो करोडो लोग स्नान करते हैं और अपने पाप धोते हैं। लेकिन दिन प्रतिदिन आस पास के गॉवों और शहरों से प्रदूषण के कारण नदी दूषित होती जा रही हैं। इसलिए गंगा नदी की सफाई करने के उद्देश्य से सरकार ने Namami Gange Yojana का शुभारम्भ किया हैं।

यदि आप नमामि गंगे अभियान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता हैं, आप अंत तक पढ़ कर Namami Gange Yojana 2022 के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

Namami Gange Yojana 2022

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के द्वारा उत्तर प्रदेश के मान्यनीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने राज्य में गंगा नदी की सफाई अभियान का शुभारम्भ किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह नदी गोमुख से लेकर हरिद्वार तक 405 किलोमीटर का सफर तय करती हैं और नदी के किनारे 15 शहर व 132 गॉव बसे हुए हैं। इन सभी का कूड़ा कचरा, मलमूत्र व गंदगी नदी में जाता हैं, जिसके चलते नदी में अत्यंत गंदगी हो गई हैं। नमामि गंगे अभियान के माध्यम से सरकार का प्रयास हैं कि नदी में जो गंदगी हैं उसको साफ किया जा सके, जिससे नदी का पानी प्रदूषण मुक्त हो सके। इस योजना में सफाई के लिये लगभग 20,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया हैं। इस योजना में 100 % समर्पण केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा हैं, जिससे नदी निर्मल और पवित्र हो सके। 

नमामि गंगे प्रोजेक्ट – गंगा नदी की जानकारी (Namami Gange Project)

गंगा नदी एक पवित्र नदी हैं और जैसा कि आप जानते हैं कि यह नदी हमारे देश की राष्ट्रीय नदी हैं। यह नदी 5 राज्यों से होकर गुजरती हैं। इस नदी पर कई शहर और गांव बसे हुए जोकि गंगा नदी के जल का उपयोग करते हैं। देश की लगभग 40% आबादी गंगा नदी के किनारे बस्ती हैं। गंगा नदी को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर माना गया हैं और ऐसा माना जाता हैं कि इसमें स्नान करने से सारे पापो से मुफ्त हो जाते हैं। गंगा नदी की लम्बाई 2525 किलोमीटर हैं। नदी की बेसिन मिलीयन 1।6 वर्ग किलोमीटर हैं, लगभग 43 करोड़ की आबादी रहती हैं।

नमामि गंगे योजना कब शुरू हुई – Namami Gange Yojana Kab Shuru Hui

नमामि गंगे योजना केंद्र सरकार के दवारा शुरू की गयी हैं और इस योजना को जून 2014 (Namami Gange Yojana Launch Date) से आरंभ किया गया हैं। बता दें कि इस योजना की अवधि 18 साल हैं। आप नमामि गंगे योजना विकिपीडिया के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नमामि गंगे योजना का उद्देश्य – Namami Gange Yojana Ka Uddeshya

  • प्रधानमंत्री नमामि गंगे योजना का उद्देश्य गंगा नदी की सफाई कराना हैं।   
  • नदी के किनारे जो तालाब और अन्‍य जलाशय बने हैं उनका प्रबंधन किया जा सके।
  • इस योजना के माध्यम से नदी की सफाई करने का उद्देश्य हैं, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्त्व देना।
  • इस योजना के माध्यम से गंगा नदी का पानी भी प्रदुषण रहित हो जायेगा।

पीएम श्रम योगी मानधन योजना

नमामि गंगे योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • गंगा नदी की सफाई करवाने में लगभग 20,000 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा हैं।
  • इस योजना का पूरा खर्च (100%) केंद्र सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा।
  • सरकार के द्वारा 4460 से अधिक गांव में शोचालय बनवाया गया हैं, इसके लिये सरकार का लगभग 578 करोड़ रुपए खर्च आया हैं।
  • गंगा नदी के किनारे कई क्षेत्रों में वनारोपण का कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। यह कार्यक्रम 5 सालों तक के लिए चलाया जाएगा। इस में लगभग में 2300 करोड़ रुपए की खर्च आएगा।
  • गंगा नदी को साफ रखने के लिए लोगो को जागरूकता किया जा रहा हैं। उसके लिए कार्यक्रम भी चलाया जा रहा हैं।
  • सरकार के द्वारा लोगो को रेडियो, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अखबार, इंटरनेट जैसे साधनों के द्वारा सरकार जनता को जागरूक किया जा रहा हैं।
  • गंगा नदी को प्रदूषित ना करें और सभी लोग नदी की सफाई करने में सरकार की मदद करे।
  • परियोजना के अंतर्गत 118 शमशान स्थलों की मरम्मत करके और 151 घाटों का निर्माण किया जा रहा हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत 28 परियोजनाओं पर काम चल रहा हैं।
  • इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश के सभी शहरों का पानी को रोक कर बाद में गंगा नदी में छोड़ा जाएगा। 

त्रिस्तरीय निगरानी कमेटी

  • इस योजना के लिये कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कार्यबल का गठन किया गया हैं।
  • इससे राष्ट्रीय स्तर पर एन.एम.सी.जी. मदद की जाएगी।
  • राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई हैं।
  • जिससे एस.पी.एम.जी.ए. सहायता जा सकेगी।
  • ज़िला स्तर ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता पर कमेटियाँ बनाई गयी हैं।
  • इस योजना के माध्यम से गंगा नदी सफाई का कार्य शुरू किया गया हैं।

प्रधानमंत्री नमामि गंगे योजना के अंतर्गत योगदान

धनराशि का योगदान गंगा नदी

सब नदियों में बड़ी और लम्बी नदी हैं गंगा नदी की सफाई करने के लिए जायदा समय और राशि की जरुरत रहेगी। सरकार द्वारा पहले ही बजट को चार गुना तय किया गया हैं लेकिन फिर भी यह राशि इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिये सरकार के द्वारा स्वच्छ गंगा निधि योजना बनाई गई हैं जिससे लोगो से कहा जाये की वो साफ सफाई रखे और अपना योगदान सरकार को दे। नागरिक अपना योगदान अगर धनराशि के माध्यम से देना चाहते हैं तो वो भी अपना योगदान कर सकते हैं। अगर नागरिक भी सहायत देंगे तो सरकार का यह कार्य पूरी तरह पूर्ण हो जायेगा और गंगा नदी की सफाई भी अच्छे से हो जाएगी।

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रिड्युस (कमी), रि–यूज पुनः उपयोग

हमारे द्वारा जो पानी इस्तमाल किया जाता हैं वह गन्दा पानी नदी में जाता हैं, जिससे नदी का पानी दूषित होता हैं और वो ही पानी हमारे पास वापिस आता हैं, जिसे हम पीने में इस्तमाल करते हैं। तरह के गंदे पानी को पीने से हमको कई तरह वीमारी होती हैं, इसलिये सरकार के द्वारा यह योजना बनाई गयी हैं। सरकार के द्वारा नालियों से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया हैं। ताकि गंधा पानी नाली में जाये और सरकार के द्वारा कचरे को भी के जगह डाले जिससे नदी में गंधा पानी भी नहीं जायेगा। यदि जल में कचरा भी नहीं जायेगा तो नदी में गंदगी भी नहीं होगी। पानी, जैविक कचरे एवं प्लास्टिक की पुनः उपयोग के माध्यम से से इस कार्यक्रम को सहायता प्रदान हो पाएगी।

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